एक गुंडा शेविंग और
हेयर कटिंग कराने के लिये सैलून में गया.
नाई से बोला -”अ गर मेरी शेविंग ठीक से से
बिना कटे छंटे की तो मुहमाँगा दाम दूँगा ! अगर
कहीं भी कट गया तो
गर्दन उड़ा दूंगा !”
नाई ने डर के मारे मना कर दिया. गुंडा शहर के
दूसरे नाइयों के पास गया और वही बात कही.
लेकिन सभी नाईयो ने डर के मारे मना कर दिया.
अंत में वो गुंडा एक गाँव के नाई के पास पहुँचा.
वह काफी कम उम्र का लड़का था. उसने कहा –
“ठीक है,
बैठो मैं बनाता हूँ”.
उस लड़के ने काफी बढ़िया तरीके से गुंडे की
शेविंग और हेयर कटिंग कर दी.
गुंडे ने खुश होकर लड़के
को दस हजार रूपये दिए.
और पूछा – “तुझे अपनी
जान जाने का डर नहीं था क्या ?” लड़के ने कहा
– “डर ? डर कैसा...?
पहल तो मेरे हाथ में थी…”. गुंडे ने कहा – “‘पहल
तुम्हारे हाथ में थी’ .. मैं मतलब नहीँ समझा ?”
लड़के ने हँसते हुये कहा –: “भाईसाहब,
उस्तरा तो मेरे
हाथ में था…
अगर आपको खरोंच भी
लगती तो आपकी गर्दन
तुरंत काट देता !!!”
बेचारा गुंडा ! यह जवाब सुनकर पसीने से
लथपथ हो गया।
Moral : जिन्दगी के हर मोड
पर खतरो से खेलना पडता है नही खेलोगे तो
कुछ नही कर पाओगे
यानि
डर के आगे ही जीत है...
एक सरदारनी बेहोश हो गयी..!!
डॉक्टर – ये तो मर गयी है ।
जब उसको जलाने लगे तो वो उठ बैठी और बोली….
” मैं जिंदा हूं..!!
सरदार- चुपचाप पड़ी रह गवार, तू डॉक्टर से ज्यादा जानती है क्या ?
जलाओ जी जलाओ.!!!
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